Shri Hanuman ji Ka Siddh Anusthan : पिछले हफ्ते में अदभुत रामभक्त श्री हनुमान जी के बारे के एक लेख जो गीता प्रेस गोरखपुर के “श्री हनुमान अंक” से लेकर यहाँ प्रकाशित किया था ।
आज उसी शृंखला में एक और प्रयोग जो गीताप्रेस गोरखपुर कल्याण पत्रिका के लेखक श्री दे० कलसे की कलम से लिखी हुआ श्री हनुमान जी के स्वप्न में दर्शन प्राप्ति का प्रयोग यहाँ प्रस्तुत कर रहा हु , आशा है श्री राम भक्त और श्री हनुमान जी के भक्त इसका लाभ लेकर जीवन कृतार्थ करेंगे ।
Shri Hanuman ji Ka Siddh Anusthan Kaise Kare ?
मैं साधकों के लाभार्थ श्रीहनुमानजीके एक अनुष्ठान के कराये। प्रथम दिन एक दाना उड़द हनुमानजी के सिर पर विषय में लिख रहा हूँ। यह अनुष्ठान मेरे एक सज्जन मित्र ने मुझे बतलाया था और उन मित्र महोदय को यह
एक विद्वान् तथा वृद्ध ब्राह्मणद्वारा प्राप्त हुआ था। यह मेरे मित्र द्वारा अनुभूत है।
Shri Hanuman ji Ka Siddh Anusthan Niyam
इस अनुष्ठान के नियम बहुत सरल हैं। यह अनुष्ठान कुल ८१ दिनका है। अच्छा मुहूर्त देखकर इसे प्रारम्भ करना चाहिये। अनुष्ठान काल में ब्रह्मचर्य पालन अनिवार्य है तथा क्षौर, नख-कृन्तन, मद्यपान और मांसाहार सर्वथा निषिद्ध हैं।
अनुष्ठानारम्भ के दिन प्रातः काल उठकर शौच, मुखमार्जन और स्नान के अनन्तर शुद्ध वस्त्र पहनकर एक लोटा जल लेकर हनुमानजी के मन्दिर में जाय और उस जल से हनुमानजी की मूर्ति को स्नान रखकर ग्यारह प्रदक्षिणा करे।
Shri Hanuman ji Ka Siddh Anusthan kitne Din kare
बाद में नमस्कार करके मन-ही-मन अपनी कामना श्रीहनुमानजी के सामने रखे तथा उड़दका दाना लेकर घर लौट आये और उसे अलग रख दे। दूसरे दिनसे एक-एक उड़दका दाना बढ़ाते रहना चाहिये । ४१वें दिन ४१ दानेतक रखकर बादमें ४२वें दिनसे एक-एक दाना कम करते जाना चाहिये।
जैसे – ४२वें दिन ४०, ४३वें दिन ३९ और ८१ वें दिन १ दाना । ८१ दिन का यह अनुष्ठान पूर्ण होने पर उसी दिन रात को श्रीहनुमानजी स्वप्न में दर्शन देकर साधक की कामना पूर्ति करते हैं। ८१ दिन तक जो उड़द के दाने अलग जमा किये गये थे, उन्हें नदी में बहा देना चाहिये।
श्री हनुमान जी दर्शन अभिलाषी,