What is Vastu Dosh ?
If any type of Vastu defect or Vastu Dosh has been reported in your home or business establishment, then you can reduce that defect or completely eliminate that Vastu defect/Vastu Dosh with the help of the following tantric techniques.
This is a wonderful tantric experiment on a good sattvik, in which any type of Vastu defect can be removed.
Vastu Dosh defect prevention Method
1) This Vastu Dosh defect prevention experiment can be used only on Navratri.
2) At the advent of Navratri – means that on the first day of Navratri, (which we call ‘Pratipada or Padwa’) in the early morning (6-7 o’clock in the morning) a new earthen pot should be arranged.
3) Fill that pot with water.
4) Then make a swastika sign on the pot.
5) Now place that pot in the north-east direction.
6) Put 1 cowry in this pot.
Then put 1 gomti chakra and then add 1 elaichi( small cardamom)
7) Repeating this sequence, put 11 cowries, 11 cardamom and 11 gomti chakra in that pitcher.
8) Now tie the pot with the lid.
9) Now establish a south facing Ganesh idol near this pot. (the idol can be of any metal)
10) The user should take special care that “no member of the house should drink the water of this pitcher”.
11) Now empty the water of this pitcher the next day.
12) Wash the cowpea and the gomti chakra and keep it aside and immerse the remaining water in the trees.
13) Now again fill water in the pitcher and repeat the same action – 1 – 1 cardamom, gomti chakra and cowry.
14) Keep in mind that you have to take new cardamom every day, but you have to use cowry and gomti chakra.
15) After doing this for 9 days for 10 days – means sprinkle the water of this pitcher in your business place or office or factory on Vijay Dashami.
16) Keep Dakshin Mukhi Ganesha (whose trunk is on the right side) with you in the place of worship and worship it daily if possible.
17) The pot which has 11 cardamom, 11 gomti chakra and 11 cowries, break it at the crossroads with the pot.
18) After bursting, don’t look back and come back home – wash your hands and face or take a bath if you think it is appropriate.
In this way, any type of Vastu defect /Vastu Dosh can be removed by using this pure tantric ritual. There is no rosary or mantra chanting in this system. And this tantra can be used by any human being, any religion, caste, class, woman or man, old or child. There is no need to be afraid of Tantra.
After this experiment, you will see yourself that whoever used to harass you in any way or other, will now suddenly disappear.
I hope that this article of mine will change and benefit your life, encourage me by seeing your personal opinion on this article.
Thank you for reading the article on Vastu Dosh Redressal.
Your Sincerely,
आपके घर या व्यपारिक प्रतिष्ठान में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष बताया गया हो तो आप निचे मिखे तांत्रिक प्रयोग से उस दोष को कम कर सकते है अथवा उस वास्तु दोष को पूर्ण रूप से ख़तम कर सकते है ।
यह एक सुध सात्विक पर अद्भुत तांत्रिक प्रयोग है जिसमे किसी भी प्रकार का वास्तु दोष निवारण किया जा सकता है ।
वास्तु दोष निवारण विधि – Vastu Dosh Nivaran Vidhi
१) इस वास्तु दोष निवारण प्रयोग को केवल नवरात्रृ पर ही प्रयोग कर सकते है ।
२) नवरात्री के स्थापना के दिन – मतलब कि नवरात्र के पहली तिथि को जिसे हम प्रतिपदा या पड़वा कहते है तब प्रातकाल ( सुबह ६-७ बजे को ) को एक नया मिटटी का घड़ा लाये ।
३) उस घडे़ में सुध जल भर दें।
४) अब घडे़ पर स्वस्तिक का निशान बनाये ।
५) अब इस घडे़ को ईशान दिशा मैंने स्थापित करे दे ।
६) इस घडे़ में १ कौड़ी डाले फिर १ गोमती चक्र डालें और फिर १ एलची डालें ।
७) यह क्रम दोहराते हुए ११ कौड़िया , ११ इलायची और ११ गोमती चक्र उस घडे़ में डाल दे ।
८) अब उस घडे़ को ढक्कन से बंध कर दे ।
९) अब इस घडे़ के पास एक दक्षिणमुखी गणेश मूर्ति कि स्थापना करे । (मूर्ति कि भी धातु कि हो सकती है )
१०) प्रयोगकर्ता इस बात का विशेष ध्यान रखे कि, “इस घडे़ का पानी घर के किसी भी सदस्य नहीं पिए”।
११) अब अगले दिन इस घडे़ का पानी खाली कर दीजिये ।
१२) कौड़िया और गोमती चक्र को धोकर अलग रख दे और बाकि बचा पानी को पेड़ पोधो में विसर्जित करदे ।
१३) अब फिर से घडे़ में पानी भर दे और वही क्रिया दोहराये – १ -१ इलायची , गोमती चक्र और कौड़ी ।
१४) ध्यान रहे – रोज इलायची नयी लेना है पर कौड़ी और गोमती चक्र वहु इस्तिमाल करना है ।
१५) इस प्रकार ९ दिन तक करने के बाद १० दिन – मतलब कि विजय दशमी को इस घडे़ के पानी को अपने व्यापारिक स्थल या ऑफिस या फैक्ट्री में छिड़क दे ।
१६) दक्षिणमुखी गणेश ( जिसकी सूंड स्वयं ही दाहिनी और हो ) अपने पास पूजा स्थान में रखे और रोज हो सके तो पूजा करे ।
१७) उस घडे़ जिसमे ११ इलायची , ११ गोमती चक्र और ११ कौड़िया है , उसे घडा सहित चौराहे पर फोड़ दे ।
१८) फोड़ने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखे और घर वापस आकर – हाथ मुँह धो ले या उचित लगे तो नहा ले ।
इस प्रकार यह विशुद्ध तांत्रिक प्रयोग से किसी भी प्रकार का वास्तु दोष निवारण हो सकता है । इस तंत्र में किसी भी प्रकार कि माला , मंत्र जाप नहीं है । और यह तंत्र प्रयोग कोई भी इंसान , किसी भी धर्म , जाती , वर्ग , स्त्री या पुरुष , वृद्ध या बालक को भी कर सकता है । तंत्र सब्द से डरने कि जरूरत नहीं है ।
इस प्रयोग के बाद आप स्वयं देखेंगे कि जो भी और किसी भी प्रकार कि बधाए आप को सताए करती थी , अब अचानक से विलुप सी हो जाएगी ।
आशा रखता हु – मेरी इस लेख से आपके जीवन में परिवर्तन और लाभ होगा , इस लेख पर अपनी व्यक्तिगत राइ देखर मुझे प्रोत्साहन दे । वास्तु दोष निवारण पर लेख पढ़ने के लिए – आपका धन्यवाद ।
आपका हितेशी,
नीरव हिंगु